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अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट क्या है ?

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट एक सामाजिक संगठन है जिसकी स्थापना सितंबर 2018 को हुई थी ऋषिपाल सिंह परमार जी की अध्यक्षता में देश हित क्षत्रिय समाज हित और सर्व समाज हित को ध्यान में रखकर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट का गठन किया गया आज अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट लाखों कार्यकताओं के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल, बिहार चंडीगढ़, राजस्थान समेत देश के 15 प्रदेशों में सक्रिय है अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट समाज को सर्वोपरि मानकर समाज के सभी क्षत्रियों को एक साथ जोड़ने का प्रयास पूरे देश में कर रहा हैं।

हम क्या करते हैं ?

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट का प्रमुख उद्देश्य क्षत्रिय समाज के उत्थान और उनके विकास के लिए कार्य करना है अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट देश मैं जब कोई आपदा आती है तो उसके निवारण के लिए और उससे आपदा से प्रताड़ित लोगों की सहायता के लिए कार्य करती है और ऐसे समय में संगठन समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए आर्थिक और शारीरिक सहयोग करता है क्योंकि क्षत्रिय का ये धर्म रहा है कि आपत्ति काल में बिना किसी भेदभाव के सभी जरूरत मंदो की सहयता की जाए और यह संगठन हमेशा देश मैं आने वाली सभी आपदाओं का सामना करने के लिए तैयार रहता है और अपने समाज और देश की सेवा करने के तत्तपर रहता है ।

संगठन की विशेषता

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट किसी भी जाति विशेष का विरोध नहीं करता है और सभी जाति और धर्मों का सम्मान करते हुए अपने क्षत्रिय समाज के उत्थान के लिए प्रयास करता रहता है और युवाओं, गरीब और विधवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने से लेकर स्कूल कॉलेज और विश्व विद्यालय के लिए प्रयोजक ढूँढना गौ शालाओं मैं सहयोग करने से लेकर जरूरत मंद वृद्ध, बच्चों और महिलाओं के लिए रहने की जगह उपलब्ध करवाना और हम भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जो जनहित योजना चल रही है उनकी जानकारी सभी देश वासियों तक पहुंचाते हैं जिससे सभी जरूरत मंदों को उन योजनाओं का लाभ मिल सके और उनको फ्री ऑफ कॉस्ट लोगों को विधिक सलाह भी प्रदान कराते हैं।

संस्था से क्यों जुड़ें

देश के अंदर आज जो समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनका सामना कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता है इसलिये उन सभी समस्याओं का सामना करने के लिए इस संगठन की स्थापना की है क्योंकि संगठन की शक्ति से सभी परिचित हैं इसलिए हमारा मानना है कि देश के ज्यादा से ज्यादा क्षत्रिय समाज के लोग इस संगठन से जुड़ेंगे तो संगठन समाज हित और देश हित मैं बहुत अच्छा कार्य कर सकता है इसलिए आप और अपने सभी साथियों को इस संगठन से जोडिये जिससे संगठन अपने अधिकारों को मजबूती से सरकारों के सामने रख सके |

हमारी विचारधारा

धर्म

जिसे धारण किया जा सके वो धर्म है, धर्म को गुण भी कह सकते हैं, बेहतर राष्ट्र बनाने की कल्पना धर्म स्थापना के बिना अधूरी है।

संस्कृति

दूसरे की चिन्ता कर फिर स्वयं भोजन करना, ऐसी मानवतावादी संस्कृति का परचम विश्व पटल पर लहराना है|

इतिहास

जो देश अपने इतिहास को भूल जाता है, उसकी पहचान भी धुंधली पड़ने लगती हैं, इसलिए इतिहास बचाओं, पहचान बचाओं ।

न्याय

न्याय पर केवल अमीरों का हक नहीं, गरीबों को न्याय दिलाना हमारा संकल्प|

रोजगार

गरीबों, विधवाओं और युवाओं को बल देने के लिए आजीविका के अवसर उपलब्ध करवाना।

शिक्षा

स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालयों को सहयोग देकर, युवा पीढ़ी को सशक्त करना ।

स्वास्थ

शास्त्रों में लिखा है, पहला सुख निरोगी काया, इस क्रम में स्वस्थ भारत हमारी वरीयता|

खेल

शारीरिक रूप से बलवान राष्ट्र ही समस्याओं का सामना कर पाएगा, इस हेतु खेलों को बराबर प्राथमिकताए।

विधवाओ का कल्याण

पति के जाने के बाद एक महिला का जीवन केवल शोक करने और गरीबी में नहीं कटना चाहिए, इसलिए विधवा महिलाओं को आत्म |

गाय का संरक्षणण

हमारे देश में गाय को माता का दर्जा मिला है, ऐसा केवल धार्मिक आस्था के कारण नहीं हुआ बल्कि गाय में मौजूद गुण |

कोई भूखा ना सोए

सवा सौ-करोड़ लोगों के देश में आज आजादी के सत्तर साल बाद भी 25 करोड़ लोग भूखे सोने को मजबूर हैं । अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट

वृद्धों का सम्मान

जिस सभ्यता में माता-पिता को भगवान माना गया है, आज वहां वृद्ध होते ही माता-पिता को घर से बाहर का रास्ता दिखा

खेल शारीरिक कौशल को बढ़ावा

देश का शारीरिक कौशल देश के सम्पूर्ण विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाता है, इस कारण से करणी सेना का लक्ष्रा

युवाओं का विकास

आज देश की मौजूदा आबादी में लगभग 65 प्रतिशत युवा हैं। युवाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ना ब

संगठन के पदाधिकारियों के कार्य और जिम्मेदारियाँ

एक संगठन के अध्यक्ष के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:

  • नेतृत्व प्रदान करना: संगठन का नेतृत्व करना और उसकी दिशा तय करना।
  • निर्णय लेना: महत्वपूर्ण निर्णय लेना जो संगठन के हित में हों।
  • रणनीति बनाना: संगठन की रणनीति बनाना और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
  • टीम प्रबंधन: संगठन की टीम का प्रबंधन करना और उसके सदस्यों को प्रेरित करना।
  • संचार: संगठन के अंदर और बाहर संचार करना और उसकी छवि को बनाए रखना।
  • संसाधन प्रबंधन: संगठन के संसाधनों का प्रबंधन करना और उनका सही उपयोग सुनिश्चित करना।
  • जोखिम प्रबंधन: संगठन के जोखिमों का प्रबंधन करना और उनका समाधान निकालना।
  • वित्तीय प्रबंधन: संगठन के वित्त का प्रबंधन करना और उसकी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना।
  • नैतिकता और अनुपालन: संगठन के नैतिक मानकों को बनाए रखना और अनुपालन सुनिश्चित करना।
  • प्रतिनिधित्व: संगठन का प्रतिनिधित्व करना और उसके हितों की रक्षा करना।

संगठन उपाध्यक्ष के कार्य निम्नलिखित हैं:

  • अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उनकी जिम्मेदारियों को संभालना।
  • संगठन के निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना।
  • संगठन के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय करना।
  • संगठन के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करना।
  • संगठन के सदस्यों के साथ संवाद करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना।
  • संगठन के वित्तीय और प्रशासनिक मामलों में मदद करना।
  • संगठन के कार्यक्रमों और गतिविधियों को आयोजित करने में मदद करना।
  • संगठन के बाहरी संबंधों को बनाए रखने में मदद करना।

एक संगठन में महामंत्री के कार्यों में शामिल हैं:

  • संगठन के उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करना।
  • संगठन के नियमों और विनियमों का पालन सुनिश्चित करना।
  • संगठन के सदस्यों के बीच संचार और समन्वय को बढ़ावा देना।
  • बैठकों का आयोजन और संचालन करना।
  • संगठन के रिकॉर्ड और दस्तावेजों का रखरखाव करना।
  • संगठन के निर्णयों को लागू करने में मदद करना।
  • संगठन के सदस्यों की गतिविधियों का समन्वय करना।
  • संगठन के बाहरी संबंधों का प्रबंधन करना।
  • संगठन के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करना।
  • संगठन के विकास और विस्तार में योगदान देना।

यह ध्यान रखें कि महामंत्री के कार्य संगठन के आकार, प्रकार और उद्देश्यों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।

संगठन कोषाध्यक्ष के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:

  • वित्तीय प्रबंधन: संगठन के वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन करना, जैसे कि आय-व्यय का लेखा-जोखा, बजट तैयार करना, और वित्तीय रिपोर्ट तैयार करना।
  • धन संग्रह: संगठन के लिए धन संग्रह करना, जैसे कि दान, अनुदान, और सदस्यता शुल्क।
  • वित्तीय निर्णय लेना: संगठन के वित्तीय निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना, जैसे कि निवेश, खर्च, और वित्तीय योजना बनाना।
  • लेखा और ऑडिट: संगठन के लेखों का रख-रखाव करना और ऑडिट के लिए तैयार रहना।
  • वित्तीय पारदर्शिता: संगठन के वित्तीय लेन-देन को पारदर्शी बनाना और सदस्यों को वित्तीय जानकारी प्रदान करना।
  • बजट प्रबंधन: संगठन के बजट का प्रबंधन करना और वित्तीय संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करना।
  • वित्तीय रिपोर्टिंग: संगठन के वित्तीय प्रदर्शन की रिपोर्ट तैयार करना और सदस्यों को प्रदान करना।

इन कार्यों को पूरा करके, कोषाध्यक्ष संगठन के वित्तीय स्वास्थ्य को बनाए रखने और उसके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

संगठन के सचिव के कार्य निम्नलिखित हैं:

  • बैठकों का आयोजन और रिकॉर्ड रखना: सचिव बैठकों का आयोजन करता है, कार्यवृत्त तैयार करता है और बैठकों के निर्णयों का रिकॉर्ड रखता है।
  • पत्र-व्यवहार: सचिव संगठन के नाम से पत्र-व्यवहार करता है, जैसे कि पत्र लिखना, ईमेल भेजना और फैक्स करना।
  • रिपोर्ट तैयार करना: सचिव संगठन की प्रगति रिपोर्ट तैयार करता है, जिसमें संगठन की गतिविधियों, उपलब्धियों और चुनौतियों का विवरण होता है।
  • बजट और वित्तीय प्रबंधन: सचिव संगठन के बजट का प्रबंधन करता है, व्यय की निगरानी करता है और वित्तीय रिपोर्ट तैयार करता है।
  • संगठन के नियमों और नीतियों का पालन: सचिव सुनिश्चित करता है कि संगठन अपने नियमों और नीतियों का पालन कर रहा है।
  • संचार और समन्वय: सचिव संगठन के सदस्यों, हितधारकों और अन्य संगठनों के साथ संचार और समन्वय करता है।
  • रिकॉर्ड रखना: सचिव संगठन के रिकॉर्ड, जैसे कि सदस्यता रिकॉर्ड, बैठकों के रिकॉर्ड और वित्तीय रिकॉर्ड, को सुरक्षित और अद्यतन रखता है।

संगठन पदाधिकारियों की जिम्मेदारी

संगठन में प्रवक्ता के कार्य निम्नलिखित हैं:

  • संगठन की नीतियों और गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान करना।
  • मीडिया और जनता के साथ संवाद करना।
  • संगठन की छवि और प्रतिष्ठा को बनाए रखना।
  • संगठन के अधिकारियों और पदाधिकारियों के बीच संचार को सुविधाजनक बनाना।
  • संगठन के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्रोत्साहित करना।
  • संगठन के बारे में गलत जानकारी का खंडन करना।
  • संगठन के साथ जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ संवाद करना।
  • संगठन की प्रेस विज्ञप्ति और अन्य संचार सामग्री तैयार करना।
  • मीडिया कवरेज और संगठन की छवि पर नज़र रखना।
  • संगठन के नेतृत्व को संचार और मीडिया संबंधी मामलों में सलाह देना एवं संगठन को एक नयी दिशा प्रदान करना।

हमारी प्राथमिकता

धर्म की रक्षा

किसी भी देश, समाज की बुनियाद यदि अधर्म पर टिकी है, तो फिर उस समाज का विकास करने की हर कोशिश व्यर्थ है अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट

भविष्य का निर्माण

शिक्षा न केवल मनुष्य के वर्तमान बल्कि उसके भविष्य को भी तय करने में सहायक है। हमारे देश में हर बालक शिक्षा ग…

पहला सुख निरोगी काया

शास्त्रों में लिखा है, पहला सुख निरोगी काया। स्वस्थ भारत का सपना लिए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट आगे बढ़ रही है। देश में सर्वो..

सामाजिक कार्य

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